उन्नाव
उन्नाव से राजेंद्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
भारत के इतिहास में महिला शासकों की खूब खोजबीन हुई है नागनिका प्रभावती गुप्त रानी दिद्दा रुद्रम्मा देवी और रजिया सुल्तान से लेकर आगे तक
लेकिन इस सिलसिले में इतिहासकार भौमकारा राजवंश को भूल जाते हैं जिसने अकेले भारतीय इतिहास को कम से कम 7 महिला शासक दिए हैं ।
भौमकारा राजवंश की सात महिला शासक हैं त्रिभुवन महादेवी प्रथम त्रिभुवन महादेवी द्वितीय त्रिभुवन महादेवी तृतीय गौरी महादेवी दांडी महादेवी वकुला महादेवी और धर्म महादेवी
भौमकारा राजवंश में कुल मिलाकर 18 शासकों का पता चल सका है। जिनमें 7 शासक महिला थीं, एक तिहाई से भी अधिक महिलाओं को शासक बनाकर भौमकारा राजवंश इतिहास में अमर है।
आठवीं सदी के पूर्वार्ध में भौमकारा राजवंश ने उड़ीसा में अपना शासन कायम किया इस राजवंश का शासन दो सौ वर्षों से अधिक चला और जिनकी राजधानी जाजपुर के निकट गुहादेवपाटक में थी।
भौमकारा राजवंश के प्रारंभिक राजे मूल रूप से बौद्ध थे, नेउलपुर काॅपर अभिलेख से पता चलता है कि इस राजवंश के प्रथम तीन शासक पक्के बौद्ध थे। ऐसे कि वे अपने नाम से पहले बुद्धिस्ट उपाधि धारण करते थे। जैसे परम उपासक परम तथागत परम सौगत ।
त्रिभुवन महादेवी प्रथम के ढेकानल अभिलेख से पता चलता है कि इन राजाओं ने बौद्ध मठों, विहारों के निर्माण में अकूत संपत्ति खर्च किए थे ।
रत्नागिरी, उदयगिरी और ललितगिरी में जो महायान और वज्रयान बुद्धिज्म की छवियाँ हैं। वह इसी राजवंश की देन हैं ।