झारखण्ड
झारखण्ड से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज़
इन दिनों दुमका ज़िलें के रामगढ़ प्रख़ंड में मनरेगा तालाब निर्माण में बिचोलिए को रोजगार सेवक तथा कनिय अभियंता से लूट में पुरी छुट मिली हुई है। पुराने तालाब को कई बार नया रुप देकर लाखों रुपए की बंदरबांट हो रही है जिसे देखने वाला काई नहीं है।
कांजो पंचायत के पतसर आदिवासी टोला के पतसर प्राथमिक विद्यालय के सामने एक मनरेगा तालाब का निर्माण विगत 8 बर्ष पुर्व बोडिया गांव निवासी बुलू कापरी के जमीन पर निर्वतमान बीडीओ साइमन मरांडी के समय निर्माण कार्य किया गया था।
उसी पुराने तालाब में फिर से बर्ष 2022/23 में कुछ पुराने फाइनल मनरेगा तालाब को छीलकर उसे नया रुप देकर पुराने तालाब पर नव निर्माण तालाब का रुप देकर लाखों रुपये गड़बड़झाला किया जा रहा है।
यहां बता दें कि अगर 2009/10 से निर्माण हो चुके तालाब निर्माण की जांच उपायुक्त द्वारा टीम गठित कर कराये जाने पर प्रखंड के सभी पंचायतों में सैकडो मनरेगा तालाब मानचित्र से गायब मिलेंगे।इसका एक मात्र कारण पुराने तालाब में के उपर नये तालाब निर्माण।
इस पुराने तालाब के उपर नये तालाब निर्माण में फोटो में साफ साफ नजर आ रहा है कि पुराने तालाब मैड में नये हल्का मिट्टी की परत डालकर नया रुप देने की कोशिश कि जा रही है।वहीं पुराने मैड पर अब भी छोटे छोटे झाड जंगल लगा हुआ है । इस मामले में मनरेगा बीपीओ सीताराम मुर्मू ने बताया कि योजना स्थल जांच कर आवश्यक कार्यवाही किया जायेगा।
बहरहाल कांजो के अलावा कई पंचायतों में रोजगार सेवक और कनीय अभियंता की मिली भगत से पुराने तालाब पर नव निर्माण तालाब का कार्य धरल्ले से जारी है।इसमें जहां बिचोलिए और अन्य जहां मालामाल हो रहे वहीं मजदूर कंगाल हो रहै तथा मजदूरी की तालाश में दुसरे प्रदेश पलायन करने पर विवश हैं।