आखिर वायु तत्व को कैसे जागृत करें।

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मध्य प्रदेश से सुरेश पटेल की रिपोर्ट बी न्यूज

वायु तत्व सिद्ध होने पर आपकी ऊर्जा बढ़ जाएगी वायु सक्रीय होने पर आपकी ऊर्जा बढ़ जाएगी अगर शरीर में गैस रहती है तो क्या आप प्राण वायु पर महारत हासिल कर सकते है ?

आज बड़ी संख्या में लोगों को अपने काम के बीच में लंबे आराम की जरूरत महसूस होती है। इसकी जरूरत तब होती है, जब आप अपनी प्राण वायु का ठीक तरह से देखभाल नहीं कर पाते। और प्राण वायु के ठीक तरह से न रह पाने के कई कारण हैं।

एक वजह तो आपका भोजन है। योगिक संस्कृति में प्राण वायु को संयोजित करने का एक और तरीका है कि भोजन पकने के बाद डेढ़ घंटे से लेकर ज्यादा से ज्यादा चार घंटे के भीतर खा लेना चाहिए।

आजकल बाज़ार में फ्रोजेन किया भोजन मिलता है जो आपके शरीर में गैस पैदा करते हैं। अगर आपके शरीर में गैस रहती है तो आप प्राण वायु पर महारत हासिल नहीं कर सकते।

प्राण वायु की सक्रियता का सबसे मुख्य इलाका नाभि से लेकर गले के गढ्ढे तक का स्थान है। जब आप खराब भोजन करते हैं और उससे गैस होती है, तो आप अपने भीतर ऊर्जा की बेहद कमी महसूस करते हैं, उसकी वजह है कि गैस की वजह से प्राण वायु ठीक तरह से काम नहीं कर पाती। ऐसे में आप गलत जगह पर वायु इकट्ठी कर लेते हैं।

यह आपके नाभि से लेकर गले के गढ्ढे के बीच में घूमनी चाहिए। इस इलाके में ही यह सबसे अधिक शक्तिशाली होती है। नाभि के नीचे या मणिपूरक चक्र में गैस पैदा करता है, तो यह गैस नाभि से गले के गढ्ढे के बीच होने वाली हवा की गतिशीलता में परेशानी पैदा करता है।

अगर बहुत से लोगों में अग्नि तत्व की कमी होती है, जो जीवन की एक बड़ी समस्या है। इसका नतीजा यह होगा कि वो काम तो करेंगे, लेकिन नतीजा हासिल नहीं होगा। एक बार अगर यह अग्नि तत्व अच्छी तरह से काम करने लगे तो आप पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो जाएंगे। हालांकि इंसान के सिस्टम में अग्नि तत्व का हिस्सा बहुत छोटा सा होता है, लेकिन कई वजहों से यह अपने आप में सबकुछ है। यह आपको सूक्ष्म आकाश तत्व के नजदीक ले जाता है।

आप दृढ़ता के साथ आप अपनी सुवधानुसार किसी भी आसन में बैठ के जांच सकते है । आसन में बैठने के पश्चात् आँखें बन्द करके कल्पना करें कि एक काले रंग की गोल गेंद वातावरण में अर्थात् शून्य में लटक रही है । और जब यही गेंद आप के शरीर से बढकर कई गुना हो जाए तो तो आप का वायु तत्व खराब हो चुका है
जो वायु तत्व को सिद्ध करना चाहते हैं वह लोग इसे विश्वास के साथ लगातार करें ।इसको ठीक करने के लिए ध्यान करे एक काले रंग की गोल गेंद कंठ पर है साथ ही बीज मन्त्र ‘ यं ‘ का जप करें । यह क्रिया कुछ दिनों तक धीरज तथा विश्वास के साथ करनी होगी | 21 दिनों के बाद काले रंग की गोल गेंद आप के कंठ पर स्थिर हो जाएगी
और वायु तत्व सिद्ध होगा।

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