झारखण्ड
झारखण्ड से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज़
श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में परम पूज्य राधा स्वरूपा राधा किशोरी जी के मुखारविंद से भागवत जी की अमृत में कथा में पूजा किशोरी जी ने बताया भगवान श्री कृष्ण माता लक्ष्मी के साथ लीला करते हुए रुक्मणी के रूप में वर्णन किए स्वयं नारायण श्री कृष्ण बंद करके द्वारिकाधीश हो करके लीला का आनंद लिया भगवान के 16108 विवाह की चर्चा का वर्णन किया गया और कुछ श्री किशोरी जी ने बताया कि हम सभी को सत्संग सनातन धर्म के प्रति जागरूक रहना चाहिए|
हमको अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए हमें इन संस्कारों को बनाए रखना चाहिए क्योंकि यह हमको मिला है हमारे पूर्वजों से संतोषी मुझे किशोरी जी ने बताया भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा से मैत्री की इस कथा के प्रश्न के माध्यम से हम जगत के इन सभी संसार वासियों से एक अपील करना चाहते हैं किसी गिरते को उठाने का सौभाग्य प्राप्त हो तो जरूर उठाइए किसी को गिरा कर के बड़े होना यह आपका बड़प्पन नहीं है कि आपका अभिमान हो सकता है|
बड़प्पन नहीं हो सकता इसलिए किसी की सेवा करके किसी को बड़ा करने का मौका मिले तो जरूर करना चाहिए सत्संग का प्रभाव सेवा से भागवत जी की विदाई भक्तों ने भाव के इस बार सागर में डूब करके आती हुई आंखों से भागवत भगवान को विदा किया और पूरे दुमका के आसपास के भक्त जो आ रहे हैं सभी का मन बहुत दर्द है भगवान की लीला कथा को श्रवण झांकियों का आनंद प्राप्त कर रहे हैं राधे राधे