आंगनबाड़ी केंद्र कई वर्षों से निर्माणाधीन,छोटे छोटे बच्चों को पठन पाठन में परेशानी।

झारखण्ड

झारखण्ड से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज़

इन दिनों विभागीय उदासीन रवैये से दुमका ज़िलें के रामगढ़ प्रखंड में कई महत्वाकांक्षी योजना के सरकारी भवन निर्माण कार्य कई वर्षों से अधुरा पड़ा है जिसे देखने वाला कोई नहीं है। मनरेगा तथा बालविकास परियोजना रामगढ़ के संयुक्त मद 6,28000की राशि से निर्माण होने वाले कांजो पंचायत के पतसर आदिवासी टोला में आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण विगत तीन वर्षों से निर्माणाधीन है ।

जिसका खामियाजा आंगनबाड़ी केंद्र में पठन पाठन करने वाले छोटे छोटे बच्चों को भुगतना पड़ता है। छोटे छोटे बच्चों को बर्षा ,गरमी तथा ठंड में खुले आसमान के नीचे पढ़ने पर विवश होना पड़ता है।

सरकारी भवन नहीं रहने से आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका मनमाने ढंग से महिना में किसी एक दो दिन बच्चों को पढ़ा देती है बाकी दिनों गर्मी बारिश,ठंड का बहाना बनाकर अपने नीजी कामो को करके घर बैठे सरकारी वेतन लेने का आंनद उठा रही है। इसमें बच्चों को पठन पाठन के साथ बच्चों को मिलने वाले पोषक आहार में भी लुटखसोट जारी है।

वहीं सीडीपीओ रेखा देवी सरैयाहाट प्रख़ंड में कार्यरत हैं रामगढ़ में प्रभारी सीडीपीओ पद पर कार्यरत हु जो महिना में कभी कभार एक दो बार रामगढ़ कार्यालय का चक्कर लगाकर वापस सरैयाहाट लौट जाती है जिसके कारण क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र सेविका अपने मर्जी से केंद्र खोलती और बंद करती है।

जो राम भरोसे पोने तीन सौ आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं।यही हाल यहां के सभी सुपरवाइजर का है जो दुमका और गोड्डा में रहकर सरकारी वेतन का आंनद उठा रही हैं।

यही कारण है कि प्रखंड के कांजो के पतसर आदिवासी टोला और भालसुमर पंचायत के खडगाखील,कुरुवाकिता समेत दर्जन भर आंगनबाड़ी केंद्र की बर्षो से भवन निर्माण कार्य अधूरा है जिसपर प्रशासन का कोई नजर नहीं है लिहाजा बिचोलिए लाखों रुपयों के निकासी कर मालामाल हो रहे हैं।

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