मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 विजय प्रताप सिंह ने बताया भारत सरकार द्वारा ‘‘आत्म निर्भर भारत’’ अभियान के अन्तर्गत एनीमल हसबैण्ड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फण्ड के अन्तर्गत दुग्ध प्रसंस्करण
पशु आहार तथा इससे जुड़ी मूल्य संवर्धन से सम्बन्धित इकाई की स्थापना हेतु रूपये 15000 करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की घोषणा की गयी है
जिसके सम्बन्ध में मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा गाइड लाइन जारी की गयी है।
उन्होने पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा निर्देश के विषय में बताया गया है
कि एनीमल हसबैण्ड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट कोष के अन्तर्गत डेयरी प्रोसेसिंग के क्षेत्र में नई इकाईयों की स्थापना विद्यमान डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट को सुदृढ़ किया जाना और पैकेजिंग व अन्य डेयरी प्रोसेसिंग सम्बन्धी कार्य कराये जा सकते है
इसके साथ ही दुग्ध उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु नई इकाई की स्थापना व विद्यमान इकाई के सुदृढ़ीकरण के कार्य भी लिये जा सकते है।
पशुपालन क्षेत्र में इस कोष से मीट व्यवसाय के सम्बन्ध में व पशु आहार उत्पादन आदि के सम्बन्ध में योजना के दिशा निर्देशानुसार पात्र व्यक्ति/संस्था द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष का संचालन पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जायेगा।
इस योजना के अन्तर्गत किसान उत्पादक संगठन, निजी कम्पनियां, निजी व्यवसायी धारा-8 के अन्तर्गत रजिस्टर्ड कम्पनी एवं एमएसएमईएस के अन्तर्गत पंजीकृत उद्योग पात्र होगें।
पात्र संस्थायें अपने प्रस्ताव को सिडवी द्वारा विकसित उद्यमी मित्र पोर्टल पर आवेदन कर सकते है।
योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक 03 वर्षो के लिये लागू की गयी है जिसके लिये रूपये 15000 करोड़ की राशि बैंकों द्वारा 03 वर्ष की अवधि में वितरित किये जाने का लक्ष्य है।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष के तहत पात्र परियोजनायें अनुमानित परियोजना लागत का अधिकतम 90 प्रतिशत तक ऋण के रूप में अनुसूचित बैंकों से प्राप्त करने हेतु अर्ह होगी जिसमें सूक्ष्म एवं लघु इकाई की स्थिति में 15 प्रतिशत और अन्य श्रेणियों में यह 25 प्रतिशत होना चाहिये।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष के तहत मूल ऋण राशि के लिये 02 वर्ष की ऋण स्थगन अवधि और उसके पश्चात् 06 वर्ष के लिये पुर्नभुगतान अवधि प्रदान की जायेगी,
इस प्रकार कुल पुर्नभुगतान अवधि 08 वर्ष की होगी जिसमें 02 वर्ष की ऋण स्थगन अवधि भी शामिल है।
पात्र संस्था को 03 प्रतिशत की ब्याज उपादान का लाभ अनुमन्य है।
इसके अलावा भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के माध्यम से प्रबन्धित रूपये 750 करोड़ के ऋण गारन्टी कोष की भी स्थापना की जायेगी।
इसके तहत उन स्वीकृत परियोजनाओं को ऋण गारन्टी प्रदान जो एमएसएमईएस की परिभाषित सीमा के अन्तर्गत आती है।
ऋण गारन्टी की सीमा उधारकर्ता द्वारा लिये गये ऋण के अधिकतम 25 प्रतिशत तक ही अनुमन्य होगी।
जनपद के स्थानीय उद्यमी गाइड लाइन के अधीन एनीमल हसबैण्ड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फण्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त किये जाने हेतु अधिक से अधिक निवेश के प्रस्ताव सिडबी द्वारा विकसित उद्यमी मित्र पोर्टल पर आवेदन करें।