एक हफ्ते तक सुबह-शाम की ठंड, दोगुना रफ्तार से चलती रहेगी पछुआ |

बरसाना

बरसाना से राहुल की रिपोर्ट बी.न्यूज़

मौसम विशेषज्ञ एच आर रंजन के मुताबिक फरवरी के पहले सप्ताह में सुबह-शाम की ठंड महसूस होगी। साथ ही हवा की रफ्तार सामान्य दिनों की अपेक्षा दो गुना से अधिक तेज होगी। हालांकि बृहस्पतिवार के बाद हवा की गति थोड़ी सी धीमी होगी, लेकिन यह अपेक्षाकृत तेज ही रहेगी।

खिली हुई धूप और खुलता हुआ मौसम खुशनुमा अहसास तो दे रहा है। तेज धूप में लोग अब हाफ स्वेटर में काम चला ले रहे हैं, पर पछुआ हवाएं अभी पूरी तरह ठंड से राहत देती नहीं दिख रहीं। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी पारा गिरेगा, ठंड भी लगेगी, लेकिन सुबह-शाम।

मौसम विशेषज्ञ एच आर रंजन के मुताबिक फरवरी के पहले सप्ताह में सुबह-शाम की ठंड महसूस होगी। साथ ही हवा की रफ्तार सामान्य दिनों की अपेक्षा दो गुना से अधिक तेज होगी। हालांकि बृहस्पतिवार के बाद हवा की गति थोड़ी सी धीमी होगी, लेकिन यह अपेक्षाकृत तेज ही रहेगी।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तेज उत्तरी पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आ सकती है। राजधानी में इस दौरान 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने के आसार हैं। फरवरी केदौरान लखनऊ समेत प्रदेश की औसत मासिक वर्षा सामान्य व पारा भी सामान्य रहने के आसार हैं। हालांकि फरवरी में पूर्वी इलाके में वर्षा कम होती है। लेकिन ऐसी बहुत संभावना है कि प्रदेश की औसत मासिक वर्षा सामान्य रहे।

सर्दियों ने की बिना रिकॉर्ड जनवरी की विदाई

बीते 12 वर्षों में जनवरी के खाते में मौसम में कई बदलाव रिकॉर्ड किए गए थे। मौसम विशेषज्ञों का कहना था कि 72 साल बाद लगातार तीन ला-नीना वर्ष होने के कारण जनवरी में भी ठंड रिकॉर्ड बना सकती है और फरवरी में भी ठंड से निजात नहीं मिलेगी। फिलहाल अभी तक के हालात बता रहे कि जनवरी के लिए संभावनाएं सच नहीं हुईं। फरवरी में ठंड के दावे कितने सच होंगे, इसके लिए इंतजार करना होगा।

आंकड़े बता रहे बीते वर्षों की कहानी

इस वर्ष जनवरी में अधिकतम तापमान 26 डिग्री तक दर्ज किया गया। जबकि इसी महीने में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक पहुंच कर गिरना रुक गया। 2011 से लेकर 2022 तक के वर्षों को देखें तो अधिकतम पारा 29.3 डिग्री तक दर्ज कया गया। सामान्यत: ठंड कितनी ज्यादा रही, इसका आकलन न्यूनतम तापमान में गिरावट से किया जाता है। इस लिहाज से देखें तो 2011 में 0.8, 2013 में 0.7, 2010 में 0.1 और 2021 में 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था न्यूनतम तापमान।

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