उन्नाव
उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
आपको पता है कि साल 1912 में विश्वप्रसिद्ध टाइटैनिक जहाज कैसे टूट गया था। दरअसल यह एक बड़े आइसबर्ग से टकरा गया था। आइसबर्ग का 20 फीसदी हिस्सा ही पानी के ऊपर नजर आता है, बाकी का पानी के अंदर होता था।
आइसबर्ग की वजह से टाइटैनिक के दो टुकड़े हो गए थे और इस हादसे में हजारों लोग मारे गए थे। अब एक बार फिर से वैज्ञानिकों ने एक आइसबर्ग को लेकर चिंता जताई है। इसका आकार लंदन के बराबर बताया जाता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे शिपिंग फिशिंग और वाइल्ड लाइफ को नुकसान पहुंच सकता है। वैज्ञानिक इस समय दो बड़ी बर्फ की चट्टानों को ट्रैक कर रहे हैं जिनमें ए-81 का साइज ग्रेटर लंदन के बराबर है। वहीं दूसरी चट्टान का नाम ए76 है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर जेरैंट टारलिंग ने बताया हम जिस रास्ते से अपने देश लौटते हैं वह उसी रास्ते में है इसलिए इसके चारों ओर घूमने में 24 घंटेका समय लग जाता है। कुछ जगहों पर हम इसके बहुत करीब से गुजरते हैं जहां से यह बहुत साफ नजर आता है। यहां से स्टडी के लिए पानी का सैंपल भी लिया जाता है।