उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश से बी.न्यूज़ की रिपोर्ट
जानलेवा गर्मी की निरंतरता से बिजली महकमे की चुनौतियां कम होती नहीं दिख रहीं। तमाम कोशिशों के बावजूद अत्यधिक दबाव के कारण ट्रांसफार्मरों और केबिलों के क्षतिग्रस्त होने का क्रम बना हुआ है। इस बीच पिछले दस दिनों के अंदर शुक्रवार को चौथी बार यूपी में बिजली की अधिकतम मांग व आपूर्ति का नया रिकार्ड बना। यूपी के इतिहास में पहली बार बिजली की मांग 29727 मेगावाट पहुंची। इस मांग को पूरा करने में पावर कारपोरेशन सफल भी रहा।
शुक्रवार की रात 9.45 पर बना बिजली की सर्वाधिक मांग का नया रिकार्ड-शुक्रवार को रात 9.45 बजे राज्य में बिजली की सर्वाधिक मांग का यह रिकार्ड बना। इससे पूर्व बिजली की सर्वाधिक मांग का रिकार्ड बीते 27 मई को 29261 मेगावाट को बना था। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2023 में बिजली की अधिकतम मांग का रिकार्ड 24 जुलाई को बना था, उस दिन 28284 मेगावाट बिजली की मांग थी। 2023 में बना बिजली की सर्वाधिक मांग का यह रिकार्ड इस मई महीने में ही चार बार टूट चुका है।
उत्पादन गृहों ने भी 15788 मेगावाट बिजली उत्पादन का रिकार्ड बनाया उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन की तरफ से बताया गया है कि शुक्रवार को राज्य के विद्युत उत्पादन गृहों ने 15788 मेगावाट बिजली का रिकार्ड उत्पादन किया। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बिजली की मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए पूरी सावधानी बरतें। सभी कार्मिक इस चुनौतीपूर्ण समय में लगन और मेहनत के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें।
और प्रभावी बनाया जाएगा यूपीएसएलडीसी को
चेयरमैन ने कहा है कि यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (यूपीएसएलडीसी) को और प्रभावी बनाया जाएगा। जिससे बिजली व्यवस्थआ के एकीकृत संचालन को और बेहतर किया जा सके। शनिवार को यूपीएसएलडीसी के अधिकारियों ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के समक्ष भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। जिसमें चेयरमैन ने कार्ययोजना पर काम शुरू करने के निर्देश दिए।
चेयरमैन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बढ़े तापमान और गर्मी को देखते हुए बिजली वितरण व्यवस्था में पूरी सावधानी बरतें। सभी क्षेत्रों को तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली मिलती रहे। उत्तर प्रदेश विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने रिकार्ड बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किए जाने का श्रेय मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन को दिया है। शीर्ष प्रबंधन के कुशल निर्देशन में इंजीनियर लगातार विभागीय कार्यों का संपादन कर रहे हैं।