पूर्व मंत्री श्रीमती ललिता यादव क्या चुनावी टिकट की दौड़ से हो गई बाहर |

बुंदेलखंड

बुंदेलखंड से राजेंद्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

बुंदेलखंड से संगठन में मिली पोस्ट से बीजेपी नेत्री की बढ़ी टेंशन नई जिम्मेदारी पर उलझन में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री श्रीमती ललिता यादव क्या चुनावी टिकट की दौड़ से हो गई बाहर

मध्य प्रदेश के चुनावी रण में सत्ताधारी बीजेपी हर कदम फूंक फूंककर रख रही है। खासतौर पर चुनावी गुणा गणित को ध्यान में रखकर नेताओं को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसी के तहत विंध्य के एक शहर के मेयर से पार्टी ने संगठन में दिया एक अहम पद वापस ले लिया है। वाइस प्रेसिडेंट की ये अहम पोस्ट उनसे लेकर बुंदेलखंड की एक पूर्व मंत्री एवं छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक श्रीमती ललिता यादव को दी गई है।

अब इस महिला नेत्री श्रीमती ललिता यादव को ये समझ नहीं आ रहा है कि इलेक्शन के पहले इस पोस्ट पर उनका सिलेक्शन आखिर क्यों किया गया है। दरअसल इस नेत्री की पिछले चुनाव में शिफ्टिंग की गई थी। मतलब छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से निगलेट कर बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से बदल दी गई थी लेकिन पार्टी का ये एक्सपेरिमेंट उनकी राजनीति पर भारी पड़ा। अब वे फिर से टिकट के लिए दौड़ लगा रहीं हैं। इस बीच पार्टी संगठन में मिली इस जिम्मेदारी से उनकी टेंशन बढ़ गई है कि कहीं वो चुनावी टिकट की रेस से बाहर तो नहीं हो गई।

आशंका इसलिए भी है। क्योंकि जिस बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से वे पिछला चुनाव लड़ीं वहां अब कांग्रेस से भाजपा में आए नेता प्रदुमन सिंह लोधी ने कब्जा जमा लिया है। अब देखना ये है कि इस नेत्री की चुनाव लड़ने की इच्छा पूरी होती है या नहीं ।

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