ना समझ व्यक्ति को भगवान कैसे मिलते हैं।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश से सुरेश पटेल की रिपोर्ट बी न्यूज़

एक खान साहब रोज पान की दुकान पर पान खाने जाते थे । एक दिन उसकी नजर वहाँ लगी हुई कन्हैया की तस्वीर पर पड़ी तो पान वाले से पूछा भाई ये बालक किसका है और इसका क्या नाम है?पान वाला बोला ये श्याम है।

खान साहब बोले ये बालक बहुत सुन्दर है, घुंघराले बाल हैं, हाथ में मुरली भी मनोहर लगती है मगर ये जिस जमीन पर खड़ा है वो खुरदरी है, इसके पैरों में छाले पड़ जायेंगे, इसको चप्पल क्यों नहीं पहनाते हो।

पान वाला बोला तुझे दया आ रही है तो तू ही पहना दे। ये बात खान भाई के दिल में उतर गई और दूसरे दिन कन्हैया के लिए चप्पल खरीदकर ले आये और बोले लो भाई मैं चप्पल ले आया बुलाओ बालक को।

पान वाला बोला कि ये बालक यहाँ नहीं रहता है ये वृंदावन रहता है, वृंदावन ही जाओ। खान साहब ने पूछा की इसका पता तो बताओ कि वृंदावन में कहाँ रहता है?पान वाला बोला इसका नाम श्याम है और वृंदावन के बांके बिहारी मन्दिर में रहता है।

खान साहब वृंदावन के लिए चल दिए। वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में जैसे ही प्रवेश करने लगे तो मंदिर के पुजारी ने बाहर ही रोक दिया और कहा कि तुम दूसरे समाज के हो इसलिए मंदिर में तुम प्रवेश नहीं कर सकते। खान भाई यह सोचकर कि श्याम कभी तो घर से बाहर आयेगा मन्दिर के गेट पर ही बैठकर इन्तजार करने लगे

इन्तजार करते-करते पूरा दिन निकल गया, रात भी निकल गई भोर का समय था तो उसके कानों में घुंघरूओं की आवाज आई,चारों तरफ देखा कुछ दिखाई नहीं दिया फिर अपने चरणों की तरफ देखा तो श्याम उनके चरणों में बैठे हुए दिखते हैं। श्याम को देखकर खान भाई की खुशी का ठिकाना नहीं रहा मगर बहुत दुःख हुआ जब कन्हैया के चरणों से खून निकलता हुआ देखा।

खान भाई नें कन्हैया को गोद में उठाकर प्यार से उनके चरणों से खून पोछते हुए पूछा बेटे तुम तो मंदिर से आये हो फिर ये खून क्यों निकल रहा हैं?

कन्हैया बोले नहीं मैं मन्दिर से नहीं गोकुल से पैदल चलकर आया हूँ क्योंकि तुमने मेरी जैसी मूरत दिल में बसाई मै उसी मूरत में तुम्हारे पास आया हूँ इसलिए मुझे गोकुल से पैदल आना पड़ा है और पैरों में काँटे लग गये हैं।

खान भाई भगवान को पहचान गये और वादा किया कि हे कन्हैया, ही मेरे मालिक, मै तेरा हूँ और तेरे गुण गाया करुँगा और तेरे ही पद लिखा करूँगा। इस तरह एक मुसलमान खान भाई से रसखान बनकर भगवान का पक्का भक्त बना।

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