मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण संग्राम असमंजस में जन आशीर्वाद यात्रा शिवराज, तोमर, सिंधिया और कैलाश एक साथ यात्रा निकालेगे यात्रा
बुंदेलखंड में बीडी शर्मा, चंबल में नरेंद्र सिंह तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं मालवा में कैलाश विजयवर्गीय संभालेंगे कमान भाजपा का ब्रांड बन चुकी जन आशीर्वाद यात्रा मध्य प्रदेश से इस बार उलझनों में है। जुलाई के पहले पखवाड़े में यह निकलनी है|
लेकिन इसका रोडमैप अभी तक तय नहीं है। पार्टी में यह फाॅर्मूला दिया गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कुछ बड़े नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया, पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अलग-अलग जगहों से जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करें।
इसमें जहां भी बड़ी सभा होगी, शिवराज वहां पहुंचेंगे। यह फाॅर्मूला अभी कुछ नेताओं के गले नहीं उतर रहा। लिहाजा इस पर 4 जुलाई को होने वाली कोर कमेटी की मीटिंग में चर्चा हो सकती है। इसे ‘फॉलोअप’ मीटिंग नाम दिया गया है।
तोमर-सिंधिया के ग्वालियर-चंबल, विजयवर्गीय के मालवा तो वीडी के बुंदेलखंड में यात्रा निकालने पर हो रहा मंथन फाॅर्मूले में तर्क दिया गया है कि तोमर-सिंधिया ग्वालियर-चंबल में यात्रा निकालें, जिसमें वहां के बाकी नेता शामिल हों। विजयवर्गीय मालवा में रहें। वीडी शर्मा बुंदेलखंड में जाएं। शिवराज सिंह मध्यभारत संभालने के साथ पूरे मप्र में बड़ी सभाओं को संबोधित करें। इसमें केंद्रीय लीडरशिप भी शामिल हो जाए। हालांकि अभी इस पर फैसला होना बाकी है। साफ है कि पूर्व में जिन मुद्दों को सामने रखा गया है, उस पर निर्णय हो सकता है। इसके बाद जन आशीर्वाद यात्रा का मामला केंद्रीय संगठन के पास मंजूरी के लिए जाएगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में 14 जुलाई से यह यात्रा शुरू हुई थी। यात्रा एक ही थी, जिसे शिवराज सिंह ने लीड किया था। तब 230 सीटों के लिए निकली यात्रा 181 सीटों तक पहुंची थी, क्योंकि टिकट वितरण के मद्देनजर अक्टूबर में इसे रोक दिया गया था। इस बार फिर यह यात्रा 230 सीटों तक जानी है, लेकिन यात्रा सिर्फ शिवराज सिंह चौहान निकालेंगे या अलग-अलग जगहों से निकलेगी, इस पर निर्णय होना बाकी है। बहरहाल, कोर कमेटी में चुनाव की तैयारियों पर भी बात होगी। प्रमुख नेताओं की जिम्मेदारी तय हो सकती है।
भाजपा के लिए खास है ये यात्रा
मप्र भाजपा के लिए यह यात्रा खास होती है, क्योंकि यह पिछले कई विधानसभा चुनावों से ठीक पहले निकलती है। वर्ष 2021 में 39 केंद्रीय मंत्रियों ने भी यही यात्रा निकाली थी, जो 200 लोकसभा सीटों पर गई थी। इसे भाजपा अहम मानती है, क्योंकि इसी के भरोसे वह हर सीट पर न केवल पहुंचती है, बल्कि लगातार ब्रांडिंग भी की जाती है।