आमों की मल्लिका नूरजहां क्या खात्मे की कगार पर 5 किलो होता है वजन अब बचे केवल 8 पेड़ |

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश से राजेंद्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

क्या आपने कभी पांच किलो का आम खाया है। आज हम आपको आमों की मल्लिका नूरजहां की कहानी सुनाने जा रहे हैं। एक ऐसे आम की कहानी जो पूरी दुनिया में अपने खास स्वाद और वजन को लेकर मशहूर है।

नूरजहां के नाम से मकबूलियत पाए इस आम की पैदावार केवल मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा इलाके में होती है। लेकिन अब नूरजहां आम अपनी बेनूरी पर आंसू बहा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि नूरजहां आम का कोई कीमत नहीं है।

आम के दीवाने इसे मुंहमांगे दामों पर खरीद लेते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि एमपी के कट्ठीवाड़ा में नूरजहां आम का रकबा क्षेत्रफल साल-दर-साल सिकुड़ता जा रहा है। आलम यह है कि क्षेत्र में इसके महज आठ फलदार पेड़ बचे हैं।

अलीराजपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉक्टर आरके यादव ने रविवार को बताया कट्ठीवाड़ा क्षेत्र के निजी बागों में नूरजहां आम के केवल आठ फलदार पेड़ बचे हैं। यह हमारे लिए निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।

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