मुस्लिम देश का राष्ट्रपति इस बार होगा गणतंत्र दिवस का चीफ गेस्ट

नई दिल्ली

नई दिल्ली से बी.न्यूज़ की रिपोर्ट

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़त्ताह अल-सिसी 26 जनवरी 2023 को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनकर दिल्ली आये हैं| यह पहली बार है कि मिस्र के किसी राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया हैं|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-सिसी को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा था| जिसे अक्टूबर 2022 में मिस्र की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर द्वारा मिस्र के राष्ट्रपति को सौपा गया था| मिस्र 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मलेन में आमंत्रित नौ देशो में शामिल हैं| दोनों देश इस साल राजन्यायिक सम्बन्धो की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं|

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के बारे में जानते है कुछ रोचक बाते

  • अब्देल फ़तेह अल-सिसी 2014 से मिस्र के राष्ट्रपति के पद पर काबिज हैं| वो गणतंत्र दिवस समारोह के लिए भारत द्वारा आयोजित होने वाले पहले मिस्र के नेता होंगे|
  • 68 वर्षीय अब्देल-फ़तेह अल-सिसी एक सेनावृत्त सैन्य अधिकारी हैं| जिन्होंने 2014 तक मिस्र की सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य किया|
  • सेना से सेवानिवृत्त होने से पहले सिसी ने 2013 से 2014 तक मिस्र के उप प्रधानमन्त्री 2012 से 2013 तक सुरक्षा मंत्री और 2010 से 2012 तक सैन्य ख़ुफ़िया निदेशक के रूप में कार्य किया|
  • 2013 में एक सैन्य तख्तापलट के माध्यम से पद से लोकतांत्रिक रूप में चुने गए पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को हटाने के बाद 2014 में सिसी राष्ट्रपति बने|
  • 1954 में पैदा हुए सिसी ने 1977 में मिस्र की सैन्य अकादमी से स्नातक किया और और 1992 में यूके में ज्वाइंट सर्विसेज कमांड एन्ड स्टाफ कालेज से अतिरिक्त प्रशिक्षण प्राप्त किया|

गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि का चयन कैसे करता हैं?

सरकार सावधानी से विचार करने के बाद किसी राज्य या सरकार के प्रमुख को अपना निमंत्रण देती हैं| यह प्रक्रिया गणतंत्र दिवस के लगभग 6 महीने पहले शुरू होती हैं| मिली खबर के अनुसार आपको बतादे कि विदेश मंत्रालय द्वारा कई मुद्दों पर विचार किया जाता हैं| जिनमे से सबसे महत्वपूर्ण है| सम्बंधित देश के साथ भारत के सम्बन्ध अन्य कारको में राजनितिक,आर्थिक और वाणिज्य सम्बन्ध,पड़ोस,सैन्य सहयोग, क्षेत्रीय समूहों में प्रमुखता शामिल हैं| ये सभी विचार अक्सर अलग-अलग दिशाओं में इंगित करते हैं| और मुख्य अतिथि चुनना इसलिए अक्सर एक चुनौती बन जाता हैं|

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