श्रीमद्भागवत कथा का किया गया भव्य आयोजन

झाँसी

झाँसी से कपिल कुमार की रिपोर्ट बी न्यूज

गुरसरांय के ग्राम धनौरा में चल रही संगीत मई श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सती चरित्र की कथा का वर्णन किया गया।अयोध्या जगन्नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत राघव दास जी महाराज ने सती का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाना चाहिए अन्यथा अपमान तो होना पड़ता है। सती जी बिना बुलाए अपने पिता दक्ष के यज्ञ में गई और अपमानित होकर उन्हें अपने देह का त्याग करना पड़ा।

महंत जी ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान का नाम जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। भगवान के नाम की महिमा का वर्णन भगवान स्वयं नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अजामिल प्रसंग के माध्यम से कहा कि जीवन में किए हुए कर्म ही अंत समय में याद आते हैं ।अजामिल द्वारा एक दूषित दृश्य देखने से उसका सारा जीवन दूषित हो गया। इसलिए जीवन में कल्याणमयी दृश्यों को देखें और भगवान की मंगलमय कथा का श्रवण करें, जिससे आंख एवं कान दोनों इंद्रियां पवित्र होगी।

भागवत कथा की आरती पारीछत लाखन सिंह जादौन ने की।संगीतमय भागवत में आर्गन पर सुभाष अवस्थी, तबले पर विनोद तिवारी, ऑक्टोपैड पर वीरेंद्र दुबे ने संगत की।भागवत का मूल पाठ पर हरि महाराज सनातन दास जी महाराज, हरिओम ने किया। इस मौके पर अमित प्रताप सिंह भदोरिया, कैलाश प्रकाश गुप्ता, सुनील कुमार व्यास, सरजू शरण पाठक आदि उपस्थित रहे।

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