वाराणसी
वाराणसी से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
विश्व में सिद्ध पीठ मां ब्रह्मचारिणी जी का मंदिर काशी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित है । दुर्गा की पूजा के क्रम में ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन-पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है ।
सुबह से ही लग जाती है भीड़
काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है । श्रद्धालु लाइन में लगकर मां का दर्शन प्राप्त करते हैं । श्रद्धालु मां के इस रूप का दर्शन करने के लिए नारियल चुनरी माला फूल आदि लेकर श्रद्धा भक्ति के साथ अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं ।
मां के दर्शन करने से मिलती है परब्रह्म की प्राप्ति
ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है । इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है । जो देवी के इस रूप की आराधना करता है उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है । मां के दर्शन मात्र से श्रद्धालु को यश और कीर्ति प्राप्त होती है ।
हर मनोकामना होती है पूरी
यहां ना सिर्फ काशी बल्कि विदेशी सैलानी एवं श्रद्धालु दर्शन व पूजन के लिए आते हैं । नवरात्रि पर तो इस मंदिर में लाखों भक्त मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख मिलता है।
साथ ही वो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं । सुख शांति और संतान की कामना होती है पूरी मां के दर्शन से जीवन में सुख-शांति, कीर्ति और उमंग के साथ ही संतान की कामना पूरी होती है।
श्रद्धालु मां को नारियल, चुनरी और फूल-माला अर्पित करते हैं। काशी ही एक ऐसी जगह है। जहां देवी दुर्गा अपने अलगअलग रूपों में विराजमान हैं। मां का दर्शन कर मन को असीम शांति मिली है।