बेतवा नदी के किनारे जलालपुर में एक या दो नहीं बल्कि 108 है शिव मंदिर |

बुंदेलखंड

बुंदेलखंड से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

  • बुंदेलखंड में भी महादेव की काशी यहां बेतवा के तट पर 108 मंदिर जप तप व परिक्रमा

बुंदेलखंड पर्यटन के लिए समृद्ध व विविधताओं से भरे उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिले की बेतवा नदी के किनारे बसे जलालपुर में एक या दो नहीं बल्कि 108 शिव मंदिर हैं l इसीलिए इस क्षेत्र को बुंदेलखंड का काशी कहा जाता है। कारण यहां की बसावट व घाट काशी के घाटों जैसे ही हैं। यहां बने मंदिर आस्था केंद्र तो हैं ही पयर्टन की दृष्टि से भी समृद्ध है। श्रद्धालु इन महादेव मंदिरों में जप तप व इनकी परिक्रमा करते हैं। फकीर ने बसाया था गांव, आज तहसील बन चुकी |

कहा जाता है कि 11 वीं शताब्दी में हमीरपुर जिले में जलालपुर गांव को एक फकीर जलाल खां बाबा ने बसाया था। जिनकी मजार भी यहां स्थापित है। बाद में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान इसे व्यापार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बनाया गया। उस समय व्यापार नदियों के रास्ते होते थे।

व्यापार से जुड़ी चीजों का सफर जलमार्ग से भोपाल से शुरू होता था और यहीं जलालपुर में खत्म होता था। यहां से बड़े बड़े व्यापारी और सेठ गुजरते थे। तमाम व्यापारी यहीं ठहरते थे। मान्यता के अनुसार किसी सेठ की मनोकामना पूर्ण होने पर उसने यहां 108 मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन व्यापारी ने कहीं भी अपने नाम का कोई पत्थर नहीं लगवाया। खंडहर में तब्दील मंदिरों को सहेजने की जरूरत |

लेकिन समय बीतने के साथ ये मंदिर जर्जर हो चुके हैं। कुछ मंदिरों से महादेव समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं चोरी हो चुकी हैं। मंदिर खंडहर में तब्दील भवन के रूप में हैं । यहां हजारों पर्यटक व श्रद्धालु आते हैं। लेकिन अतीत की बुलंदियों की गाथा व धरोहरों को सेहजने की कवायद नहीं शुरू हो सकी।

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