ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया जल का संकट

झारखण्ड

झारखण्ड से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज़

इन दिनों दुमका ज़िलें के रामगढ़ प्रखंड में जेसे ही गर्मी ने दस्तक दिया पेयजल संकट गहराने लगा है। रामगढ़ में लाखों करोड़ों रुपये की लागत से बने सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार का 80प्रतिशत सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार की बर्षो से खटाई में पड़ गया है ।

जिसका चिंता न तो बीडीओ को है न ही जनप्रतिनिधियों को। 14वी एंव 15वीं वित्त आयोग के लाखों करोड़ों रुपये से बने अधिकांश सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार खराब एंव घटीया समान लगने से एक दो महीने में मिनी जलमिनार दम तोड दिया है। आज भी लोग कूप और नलकूप तथा नदी झरणा का गंदें पानी पीने पर विवश हैं।

प्रखंड के कांजवें पंचायत के मोहनपुर स्टेडियम में विगत 6 बर्ष पूर्व 14वित की 4.75 लाख रुपये से बने सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार दो साल से खराब होने के कारण खिलाड़ियों को चापानल का हैंडल चलाकर अपनी प्यास बुझाना पड रहा है। यहां बता दें कि विगत तीन माह पुर्व झारखंड सरकार द्वारा सरकार आपके द्वार कार्यक्रम मोहनपुर स्टेडियम के विशाल मैदान में आयोजित हुआ था|

लेकिन सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार पहले से खराब होनै से शिविर आनै वाले सैकड़ों लोगों को पेयजल के लिए इधर उधर भटकते देखा गया। सरकारी बाबुओं ने अपनी अपनी गाड़ियों में पेटी पे पेटी मिनरल्स वाटर लाकर अपनी प्यास तो बुझा लिये लेकिन बीडीओ साहब को दो साल से खराब मिनी जलमिनार नजर नहीं आया ।जो आज तक पोने पांच लाख की लागत से बने मिनी जलमिनार एक मात्र शोभा का बस्तु बनकर रह गया है।

खिलाड़ियों ने कहा की घर से बोतल में पानी लाकर अपनी प्यास बुझाना पड रहा है।यहां बता दें कि मोहनपुर स्टेडियम में सालो भर क्रिकेट, फुटबॉल,तथा सरकारी कार्यक्रम आयोजित होती रहती है। ऐसे हालत में पोने पांच लाख रुपए की लागत से बने सौर ऊर्जा संचालित मीनीजलमिनार खटाई में रहने से खिलाड़ियों एंव ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।

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