रिसोर्ट मे शादियां ! नई सामाजिक बीमारी

उन्नाव

उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

हम बात करेंगे शादी समारोहो में होने वाली भारी-भरकम व्यवस्थाओं और उसमें खर्च होने वाले अथाह धन राशि के दुरुपयोग की! सामाजिक भवन अब उपयोग में नहीं लाए जाते हे शादी समारोह हेतु यह सब बेकार हो चुके हैं कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियां होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओर है!

अब शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादीया होने लगी है! शादी के 2 दिन पूर्व से ही ये रिसोर्ट बुक करा लिया जाते हैं और शादी वाला परिवार वहां शिफ्ट हो जाता है।

आगंतुक और मेहमान सीधे वही आते हैं और वहीं से विदा हो जाते हैं। इतनी दूर होने वाले समारोह में जिनके पास अपने चार पहिया वाहन होते हैं वहीं पहुंच पाते हैं!

और सच मानिए समारोह के मेजबान की दिली इच्छा भी यही होती है कि सिर्फ कार वाले मेहमान ही रिसेप्शन हॉल में आए!! और वह निमंत्रण भी उसी श्रेणी के अनुसार देता है दो तीन तरह की श्रेणियां आजकल रखी जाने लगी है|

किसको सिर्फ लेडीस संगीत में बुलाना है ! किसको सिर्फ रिसेप्शन में बुलाना है ! किसको कॉकटेल पार्टी में बुलाना है ! और किस वीआईपी परिवार को इन सभी कार्यक्रमों में बुलाना।

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