अपने शिष्य के समर्थन में क्या बोले स्वामी रामभद्राचार्य|

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश से बी.न्यूज़ की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कथा के लिए पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाने वाले लोगों को जयचंद बताया| बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनके गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने खुलकर अपने शिस्य का समर्थन किया हैं| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कथा के लिए पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने खुल कर अपने शिष्य का समर्थन किया हैं|

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कथा के लिए पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री पर सवाल उठाने वाले लोगों को जयचंद बताया| उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री को जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं| इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए|

स्वामी राम भद्राचार्य ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री समाज में अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं| वे गुरुजनों से मिला प्रसाद भक्त जनो में बाटने की कोसिस कर रहा हैं| कांग्रेस नेताओं की ओर से बागेश्वर धाम का विरोध किये जाने की चर्चा करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि वे लोग आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री की बढाती हुई लोकप्रियता को हजम नहीं कर पा रहे हैं| इसी कारण साजिश रचकर विरोध किया जा रहा हैं|

लोगो को नहीं हजम हो रही है लोकप्रियता

स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरा शिष्य परंपरा से मिला हुआ प्रसाद बाटने में जुटा हुआ हैं| आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले श्याम मानव की चर्चा करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्हने अंधविश्वास के सम्बन्ध में गलत शिकायत दर्ज कराई हैं|

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अच्छे लोगों की उन्नति नहीं देख पाते हैं| इसी कारण आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा हैं| आचार्य शास्त्री ने 26 साल की छोटी उम्र में अपार लोकप्रियता हासिल की हैं| और कुछ लोगों को उनका उत्कर्ष हजम नहीं हो रहा हैं|

इसी कारण उनके खिलाफ झूठी शिकायते दर्ज कराई जा रही हैं| उन्होंने कहा की मेरे शिष्य के चरित्र को लेकर कोई उंगली नहीं उठा सकता हैं| आचार्य शास्त्री को मिली धमकी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस धमकी को मद्देनजर में रखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए|

भोपाल का नाम भोजपाल रखा जाए

स्वामी रामभद्राचार्य ने भोपाल का नाम भोजपाल किये जाने की मांग की| उन्होंने कहा की जिस तरह होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम रखा गया उसी तरह भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल किया जाना चाहिए| मध्य प्रदेश के राजा भोज के नाम पर शहर का नामकरण किया जाना चाहिए|

उन्होंने कहा की यदि भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल नहीं किया गया तो वह दुबारा भोपाल नहीं आएंगे| उन्होंने कहा की भबिष्य में नाम बदले जाने के बाद ही वे भोपाल में रामकथा कहने आएंगे|

उन्होंने कहा कि भोपाल का पुराना नाम भोजपाल ही था मगर बाद के शासको ने नाम हटा कर इसका नाम भोपाल कर दिया| उन्होंने इलाहबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने का जिक्र करते हुए कहा कि भोपाल का नाम बदलने में कोई दिक्कत नहीं हैं|

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