उन्नाव
उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
स्कूल प्रिंसिपल ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब किसान की बेटी ख़ुशी से पिछले एक साल की स्कूल फीस मांगी तो ख़ुशी ने कहा मैडम मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूंगी घर जाते ही बेटी ने माँ से पूछा पिता जी कहाँ है ।
तो माँ ने कहा तुम्हारे पिता जी तो रात से ही खेत मे है बेटी दौड़ती हुई खेत मे जाती है और सारी बात अपने पिता को बताती है। ख़ुशी का पिता बेटी को गोद मे उठाकर प्यार करते हुए कहता है की इस बार हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है|अपनी मैडम को कहना अगले हफ्ता सारी फीस आजाएगी।
क्या हम मेला भी जाएंगे । ख़ुशी पूछती है
हाँ हम मेला भी जाएंगे और पकोड़े बर्फी भी खाएंगे ख़ुशी के पिता कहते है । ख़ुशी इस बात को सुनकर नाचने लगती है और घर आते वक्त रस्ते मे अपनी सहेलियों को बताती है की मै अपने माँ पापा के साथ मेला देखने जाउंगी|
पकोड़े बर्फी भी खाउंगी ये बात सुनकर पास ही खड़ी एक बजुर्ग कहती है । बेटा ख़ुशी मेरे लिए क्या लाओगी मेले से । काकी हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है मे आपके लिए नए कपडे लाऊंगी ख़ुशी कहती हुई घर दौड़ जाती है । अगली सुबह ख़ुशी स्कूल जाकर अपनी मैडम को बताती है की मैडम इस बार हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है। अगले हफ्ते सब अनाज बेच कर फीस देदूँगी।