राजनैतिक सियासत रण में संग्राम,पंडोखर सरकार ने बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्यों दी चुनौती

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश से राजेंद्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

मध्य प्रदेश में इन दिनों तीन बाबाओं का खासा जोर है, प्रदेश की जनता इन पर भरोसा करती हैं । इनमें एक हैं  । बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दूसरे हैं सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्र और इन दोनों से सीनियर बाबा हैं पंडोखर सरकार मध्यप्रदेश में अब एक बाबा ने दूसरे बाबा को चुनौती दे दी है ।

चुनौती देने वाले बाबा हैं पंडोखर सरकार  उन्होंने यह कह कर सुर्खियां बटोर ली है कि पर्ची लिखकर बता देना चमत्कार नहीं बल्कि समस्या का समाधान बताना चमत्कार है । उनका कहना है कि ये हजारों साल पुरानी कला है और इसमें उनके मुकाबले किसी में वैसी दक्षता नहीं । पंडोखर सरकार सीधे-सीधे बागेश्वर धाम वाले पीठाधीश्वर पर निशाना साध रहे हैं । पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी पंडोखर सरकार की तरह भक्तों के मन की बात जान लेते हैं और उसे एक पर्ची पर लिख कर देते हैं । एक तरह से दोनों की शैली और दक्षता में समानता है। लेकिन यह जानलेना जरूरी है कि पंडोखर सरकार इस हुनर में काफी पहले से लोकप्रियता बटोर चुके हैं ।

बागेश्वर धाम वाले बाबा पर निशाना कहते हैं करीब 32 सालों से पंडोखर सरकार भक्तों को पर्चियां लिखकर दे रहे हैं, लेकिन अब पंडोखर सरकार और धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री दोनों में पिछले दिनों ठन गई । भोपाल में पंडोखर महाराज ने कहा कि एक दिन सबका जलवा खत्म हो जाता है । रावण का भी जलवा कायम नहीं रहा । मुझे लग रहा है अगले 6 महीने के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी जलवा खत्म हो जाएगा ।

हालांकि पंडोखर सरकार ने अंधविश्वास फैलाने वाले आरोप को लेकर बागेश्वर धाम का बचाव किया है । उन्होंने आरोप लगाने वाले श्याम मानव से कहा कि वे अगर चमत्कार देखना चाहते हेैं कि हमारे दरबार में आएं  वहीं बिना नाम लिये पंडोखर सरकार ने कहा था कि मेरा जन्म 1983 में हुआ, और मैं सन् 1991 में ही गुरु बना था, 1991 से लेकर अब तक के वीडियो दिखा सकता हूं । लेकिन उनका जन्म तो 1997 में हुआ । बागेश्वर धाम में तीन पीढ़ी से दरबार नहीं लगा ।

कौन हैं पंडोखर सरकार ?

पंडोखर सरकार का असली नाम गुरुशरण शर्मा है । उनका कहना है कि वो साल 1992 से ही पंडोखर धाम महाराज की गद्दी पर बैठे हैं । वह 1999 से ही दरबार लगा रहे हैं । वह मूल रूप से भिंड के रहने वाले हैं । भिंड के बरहा गांव में उनका जन्म हुआ था । वह बचपन से ही पंडोखर धाम से जुड़ गये थे । पंडोखर धाम दतिया जिला मुख्यालय से महज 51 किलोमीटर दूर है । यहां एक हनुमान मंदिर है । उनके मुताबिक हनुमान जी की उन पर विशेष कृपा है । उनका कहना है कि वो कोई चमत्कार नहीं करते बल्कि हनुमान जी की कृपा से लोगों के मन की बात जान लेते हैं ।

धीरेंद्र शास्त्री से अदावत क्यों ? जैसा कि पंडोखर महाराज खुद कह चुके हैं कि 32 सालों से दरबार लगा रहे हैं और लोगों की मानवता की सेवा कर रहे हैं । वो खुद को पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से बड़ा बताते हैं । पेंच यहीं पर है । देखा जाए तो बागेश्वर धाम वाले बाबा को जितने कम समय में लोकप्रियता मिली उसके मुकाबले पंडोखर सरकार को लंबा समय लगा है । बहुत कम सालों में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मंच पर देश प्रदेश की राजनीतिक जगत की चर्चित हस्तियां पहुंच गई जबकि पंडोखर सरकार उनकी सुर्खियों के आगे दब-से गये । फिलहाल मध्य प्रदेश की सियासत में बाबाओं का युग चल रहा है ।

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