कोचिंग संस्थान परेशान , सरकार से राहत की उम्मीद

कोरोना महामारी के चलते बीते छह महीने से लगातार बंद चल रहे कोचिंग संस्थानों की हालत हुई गंभीर

किसी भी प्रकार का राहत पैकेज न मिलने की वजह से स्थिति हुई बद से भी ज्यादा बदतर

सुल्तानपुर स्पेशल रिपोर्ट :

रिपोर्टर – शुभम तिवारी बी न्यूज

पिछले कई महीनों से देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है

ऐसे में पढ़ाई लिखाई, खेल कूद, श्रम, आय , व्यय , मनोरंजन आदि सभी सेवाएं बाधित हुई

देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका अच्छा खासा असर देखने को मिला

ऐसे में बच्चों की फीस से चलने वाले कोचिंग संस्थानों पर भी आफत की बिजली गिर पड़ी

महामारी के चलते सरकार के निर्देश पर अब तक कोचिंग इंस्टीट्यूट्स खोले नहीं जा सके है

ऐसे में जिले भर में लगभग दो सौ से अधिक रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थानों की हालत दयनीय स्थिति में आ गई है

सरकार की तरफ से कोई राहत पैकेज ना मिलने की वजह से इनके जीवन यापन तक में बाध्यता उत्पन्न हुई है

साथ ही अभी तक कोई गाइडलाइन भी नहीं आई है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि अब कोचिंग संस्थान सुचारू रूप से चलाए जा सकते है

ऐसे में बता दें कि कुछ कोचिंग संस्थान तो अपने कोचिंग का किराया तक चुकाने में असमर्थ है

वही कुछ ने अपने घर की संपत्ति भी अपनी कोचिंग को बचाने में लगा दी

सुल्तानपुर कोचिंग एसोसिएशन के महामंत्री व जीनियस कोचिंग इंस्टीट्यूट के संस्थापक इंजीनियर हकीकुज्जमा जी से बात करने पर पता चला कि उन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है

इसी लिए लगातार जिले के उच्चासीन अधिकारियों को राहत पाने के लिए ज्ञापन सौंपे जा रहे है

फाइल फोटो

उन्होंने बताया की अबतक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश समेत जिले के दो तत्कालीन जिलाधिकारियों को भी शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपा गया है

जिसमे कोचिंग संस्थानों की समस्याओं को दर्शाते हुए उन्हें खोलने की अनुमति समेत राहत पैकेज की भी मांग की गई

फाइल फोटो

अपनी बदहाली को सुधारने के लिए कोचिंग संस्थानों ने लिखित एप्लीकेशन देकर कोचिंग रजिस्ट्रेशन शुल्क और उसके रिनुअल में छूट की भी मांग की है

कोचिंग एसोसिएशन के प्रवक्ता सिराज खान जी ने कहा कि यदि सरकार किसी प्रकार का राहत पैकेज देने में असमर्थ है तो कोचिंग रजिस्ट्रेशन या उसके रिनुअल में मौका दे ।

इस प्रकार उन्हें खुद को मेनटेन करने और कोचिंग व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का अवसर मिलेगा

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क्यों की इतने दिनों से बंद पड़े कोचिंग संस्थान भुखमरी के कगार पर खड़े है , ऐसे में कोचिंग खुलते ही रजिस्ट्रेशन या रिनुअल करा पाना उनके लिए बहुत ही मुश्किल है

साथ ही उन्होंने ने ये भी बताया कि अगर सरकार उनके हित में कोई तात्कालिक फैसला नहीं लेती है तो उन्हें मजबूरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना पड़ेगा

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