डा. अरविंद कुमार पांडेय ने बढ़ाया सुल्तानपुर का गौरव, उत्तर प्रदेश के “विशेष पुरस्कार” से किया जाएगा सम्मानित

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने वर्ष 2020 के उन सभी विद्वानों की घोषणा कर दी है जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत होना है।
इसी कड़ी में सुल्तानपुर जनपद के लंभुआ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामसभा हड़हा निवासी श्री द्वारिका प्रसाद पांडेय के सुपुत्र डा. अरविंद कुमार पांडेय को “विशेष सम्मान” के लिए चयनित किया गया है। बता दें एक समय था जब डा. अरविंद कुमार पांडेय एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले होनहार छात्रों में से एक थे। उनका मनोबल और साहस परिस्थितियों के आगे कभी झुका नही। बचपन में ही इन्होंने घर से निकलकर अपने कैरियर की शुरुआत की । कुछ बड़ा करने की लालसा आगे खींचती रही । अपने सपनो को नई उड़ान देते हुए अपने मेहनत से इन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दाखिला पाया। यहां से इन्होंने वर्ष 2012 में शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। वहीं वर्ष 2013 में इन्होंने नेट जेआरएफ क्वालीफाई किया और वर्ष 2014 में आचार्य की उपाधि भी प्राप्त कर ली। यह सिलसिला यहीं पर थमने वाला नहीं था वर्ष 2019 में इन्हें बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि भी मिली। वहीं 2016 में जूनियर रिसर्च फेलोशिप और 2019 में सीनियर रिसर्च फेलोशिप से भी सम्मानित किए गए। अबतक इनके दर्जनों लेख देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। वहीं 08 अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार एवं 20 राष्ट्रीय सेमिनार मे शोधपत्रों को प्रस्तुत कर संस्कृत व्याकरण और शोध कार्यों में अपना विशिष्ट योगदान दिया है। इतने कम समय में इन्हे प्रदेश के संस्कृत संस्थान सम्मान समारोह में इनकी पुस्तक महाभाष्यदृष्ट्या शब्दशास्त्रप्रयोजनविमर्श के लिए “विशेष पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा। यह पुस्तक अमेजन वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। बी न्यूज से खास बातचीत में डा. अरविंद कुमार पांडेय ने अपनी उपलब्धि और हिम्मत का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को बताया । उन्होंने कहा की मैं आज जिस भी स्तर पर भारत एवं संस्कृतभारती का गौरव बढ़ाने में सहयोग कर रहा हूं यह सब मेरे माता पिता , गुरुजन और सभी शुभचिंतकों का आशीर्वाद है जो हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहता है।

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