
भारत और नेपाल के बीच शुरू हुए विवाद में काफी समय बीत चुका है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारत ने जम्मू एंड कश्मीर से उसका स्पेशल स्टेटस छीन लिया।
अनुच्छेद 370 और 35a के हटने के बाद जब नवंबर 2019 में भारत ने अपना नया नक्शा जारी किया तब नेपाल में पहली बार आपत्ति जताई।
8 मई 2020 को जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर तक जाने वाली नई सड़क का उद्घाटन किया
उस समय तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए नेपाल के लोगों ने भारत के द्वारा निर्माण की गई सड़क पर आपत्ति जताई
15 मई 2020 को मनोज मुकुंद नारायण वे जी के द्वारा कहा गया कि नेपाल यह किसी के इशारे पर कर रहा है।
कैसे बढ़ा नेपाल और भारत के बीच विवाद
मनोज मुकुंद नारायण जी के इस स्टेटमेंट के बाद नेपाल ने 20 मई 2020 को अपना नया नक्शा जारी कर दिया।
25 मई 2020 को नेपाल ने तीव्र प्रतिक्रिया दिखाई और 10 जून 2020 को अपना नक्शा नेपाल की संसद से पारित करा दिया।
और नया नक्शा नेपाल की संसद में लग गया तब तक भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
नए नक्शे में जब नेपाल ने काला पानी क्षेत्र को अपनी क्षेत्र में दिखाया तो नेपाल की पुलिस ने 12 जून 2020 में भारतीयों पर cross firing की।
इसके बाद नेपाल के लोग यही नहीं रुके, उन्होंने भारत पर कोरोना फैलाने का आरोप भी लगाया।
13 जून 2020 को नेपाल ने कहा कि भारत का संबंध नेपाल के साथ तब तक ठीक नहीं होगा जब तक कि भारत विवादित कालापानी क्षेत्र अपने नक्शे से निकालकर नेपाल के नक्शेे में नहीं दिखाता है।
इसके बाद जून के अंत में भारत ने नेपाल से बातचीत की पहल की।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में कहा कि भारत और नेपाल का रोटी बेटी का रिश्ता है।
इसके बाद भारतीय मीडिया ने जुलाई की शुरुआत पर नेपाल के प्रधानमंत्री पर कई विवादित टिप्पणियां की।
जिसके चलते 9 जुलाई 2020 को नेपाल में भारतीय मीडिया चैनल को नेपाल में बैन कर दिया।
फिर नेपाल के प्रधानमंत्री ने 13 जुलाई 2020 को यह कहा कि अयोध्या भी नेपाल में ही है।
इन सभी विवादों के चलते भारत में काला पानी क्षेत्र में वर्ष 1962 के बाद वर्ष 2020 में सेना तैनात कर दी।
अगस्त 2020 में नेपाल ने अपना नक्शा यूनाइटेड नेशन को दे दिया।
भारत और नेपाल के रिश्ते में सुधार की शुरुआत
15 अगस्त 2020 को नेपाल के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री जी को स्वतंत्रता दिवस की फोन करके शुभकामनाएं दी।
17 सितंबर 2020 को नेपाल ने अपने नए नक्शे को वहां की पुस्तकों में भी छपवा दिया।
भारत के कहने पर नेपाल ने 22 सितंबर 2020 को नई किताबों के वितरण पर रोक लगा दी
इसके बाद 21 अक्टूबर 2020 को जब भारत के R &AW के प्रमुख सामंत गोयल जी नेपाल जाकर वहां की प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जी से मुलाकात किए।
उन्होंने उनसे बातचीत की और आगाह कराया कि नेपाल में चीनी सेना अपना अतिक्रमण कर रही है।
जिसके बाद नेपाल ने अपने यहां की एजेंसियों से जांच कराया तो पाया कि नेपाल के 7 जिले की चीन से लगे हुए हैं वहां बॉर्डर क्रॉस कर चीनी सेना नेपाल में घुस रही है।
इसके बाद विजयदशमी के दिन 25 अक्टूबर 2020 को नेपाल के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री को ट्विटर पर ट्वीट करके शुभकामनाएं दी।
इसके बाद अब ऐसा लगता है कि भारत और नेपाल के रिश्ते फिर से सुधर जाएंगे।
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